न तू तू हूँ न मै मै हूँ , मै आज तेरी ही कहानी हूँ ,
सच कहता हूँ आज तो मै सिर्फ हिन्दुस्तानी हूँ,
मै ज्ञान नहीं, मै ध्यान नहीं, अरमां नहीं, भगवान नहीं,
मत देख तू मुझको प्यारे, मै तेरी ही आँखों का पानी हूँ,
सच कहता हूँ आज तो मै सिर्फ हिन्दुस्तानी हूँ,
... जो रूठ चले वो रूठ चले,
उनसे क्या सरोकार हमारा जिनके मंसूबे ऐसे टूट चले
हे खुदा तूने ये भेद क्यों बनाया है
हिन्दू ने क्या पाया जो मुस्लिम ने न पाया है,
सच कहता आज मै तेरी ही कहानी हूँ ,
आज तो मै सिर्फ हिन्दुस्तानी हूँ,
अब तक रक्तपात हुआ सिर्फ इस बटवारें से
ऐसा लगता जैसे आसमान बिछड़ गया हो तारे से
न मै शर्मा ,न मै वर्मा, मै शास्वत कर्मा हूँ ,
खान न कहना प्यारे मै खान नहीं खानदानी हूँ
न तू तू हूँ न मै मै हूँ , मै आज तेरी ही कहानी हूँ ,
सच कहता हूँ आज तो मै सिर्फ हिन्दुस्तानी हूँ,
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