Thursday, March 10, 2011

एक कहानी

एक कहानी मैं लिखता हूँ , एक कहानी तू भी लिख !
बादल बादल मैं लिखता हूँ ,पानी पानी तू भी लिख|

बीत गई जो अपनी यादें, उन यादों को भी तू लिख!
एक निशानी मैं लिखता हूँ, एक निशानी तू भी लिख|

इस कलम में डाल के स्याही, लिख दे जो मन में आए!
नई कहानी मैं लिखता हूँ ,एक पुरानी तू भी लिख |

जीवन की इस भाग दौड़ में, क्या खोया तुमने हमने?
एक जवानी मैं लिखता हूँ, एक जवानी तू भी लिख |

हर व्यक्ति में छिपा हुआ है,वादी भी प्रतिवादी भी!
सारी सजाए मैं लिखता हूँ, काला पानी तू भी लिख |

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